महिलाएं भी करा सकती हैं उपनयन संस्कार : महिलाएं भी धारण कर सकती हैं जनेऊ !
महिलाएं भी करा सकती हैं उपनयन संस्कार : महिलाएं भी धारण कर सकती हैं जनेऊ हिंदू धर्म की वैदिक रीतियां देती हैं महिला उपनयन संस्कार की इजाजत महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी का अधिकार वैदिक काल से प्राप्त है। तभी तो वैदिक रीति में महिलाओं को भी उपनयन संस्कार की इजाजत दी गई है। मातृ शक्ति वैदिक काल से सर्वोपरि और पूजी जाति रही है। आर्ट ऑफ लिविंग के जरिये रविशंकर महाराज पूरे देश में महिलाओं को जगा रहे हैं कि पुरुषों की तरह उन्हें भी वैदिक काल से उपनयन संस्कार कराने का अधिकार प्राप्त है। उत्तर प्रदेश में भी जगह-जगह आयोजन हो रहा है। जिम्मेदारियों का अहसास कराता है जनेऊ -उपनयन संस्कार के बाद धारण किया जाता है जनेऊ -जनेऊ केतीन धागे हैं तीन जिम्मेदारियों के प्रतीक क्। परिवार के प्रति जिम्मेदारी ख्। अपना ज्ञानवर्धन करने की जिम्मेदारी फ्। समाज के प्रति जिम्मेदारी उपनयन संस्कार से लाभ -कंट्रोल में रहेगी शारीरिक व मनोस्थिति -सकारात्मक ऊर्जा का होगा संचार -मन रहेगा एकाग्रचित -फोकस प्वाइंट, कंसंट्रेशन होगा बेहतर -ध्यान की गहराई में जाने में मद...